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Saturday, May 29, 2010

पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में नक्सलियों ने रेलवे की पटरिया उखाड़ दी . जिससे ७६ यात्रियों की मोत हो गयी नक्सली मोत का तांडव हर दुसरे या तीसरे दिन रच रहे है .जनता रो रही है ,बिलख रही है .आये दिन होने वाले हमलो से परेशान है और सर पटक- पटक कर उस दिन को याद कर रही है जब उसने देश की बागडोर युपीए के हाथ में सोपी थी . प्रधानमन्त्री विदेशी दोरो में मस्त रहते है , चिदम्बरम सिमित अधिकार होने की बात कहते है .राहुल दलितों के घर सो रहे है खाना ख़ा रहे है .इन सबके बीच में आम आदमी पिस रहा है अपनी जान गवा रहा है .न ही रेल सुरक्षित है और न ही बसे एयरपोर्ट . भारत के ग्रहमंत्री पाकिस्तान को सलाह देते है 'आतंक प़र लगाम लगाओ ' .परन्तु अपने देश की जो बागडोर उन्होंने अपने हाथ ली है वह उसे नही संभाल पा रहे है .देश का नेत्रित्व कमजोर हाथो में है जो देशहित में फैसला लेने से पहले वोट बैंक को तोलता है . प्रधानमन्त्री , ग्रहमंत्री,या वित् मंत्री ,या सोनिया, राहुल जो वायदे चुनावों में इन्होने किये थे उन वायदों को निभाने में विफल साबित हुए है .फिर भी राहुल गरीबो , दलितों के घर खाना खाकर २०१४ की राजनितिक जमीन तयार करने में जुटे है . यह कैसी सरकार है जो वर्तमान स्थिति को संभालने में विफल है परन्तु सत्ता मोह में आगे की रणनीति बनाने में जुटी है . लोकसभा चुनावों में आडवानी जी ने कमजोर प्रधान मंत्री का मुदा उठाया था किन्तु यहाँ कमजोरी केवल एक व्यक्ति में नही सभी मंत्रियो में है . देश भले ही खंडित हो , नक्सलवाद पनपे इन्हें कोई मतलब नही है ये लोग केवल विकास का नारा देकर अपना फ़र्ज़ पूरा कर रहे है . क्या आतंक और नक्सल के रहते भारत कभी विकसित हो सकता है .जनता से विकास के नाम प़र वोट बटोरने वाली पार्टी देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है .आम आदमी परेशान है वह सोच रहा है यह कैसी सरकार है

1 comment:

kya bharat me deshbhakto ki kami hai

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एक २२ साल का युवा जिसे देशभक्ति की सोच हासिल है तभी आर्मी ज्वाइन करने की चाह जगी लेकिन फिजिकल में असफल होने के बाद वापस पढ़ रहा है और अब एक नई सोच नेवी ज्वाइन करने की शोक लिखना ,पढना और सोच की गह्रइयो में ख़ुद को झोककर मोती निकाल लाना और इसमें सफल होने की चाह